महानगर के यातायात को रफ्तार देने वाले जीडीए के कई विकास प्रोजेक्ट अब साल के अंत की जगह 2021 तक खिंचेंगे। ट्रैफिक से जुड़े तीन अहम प्रोजेक्ट की समयसीमा अब तीन से छह माह तक आगे बढ़ने की पूरी संभावना है। लॉकडाउन हटने के बावजूद प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने में एक माह से ज्यादा का वक्त लग सकता है। विभिन्न प्रोजेक्ट से लेबर के पलायन करने से यह समस्या पेश आएगी। ऐसे में जीडीए की ओर से निर्माण का जिन सरकारी एजेंसियों को जिम्मा सौंपा गया है, उनकी ओर से समयसीमा बढ़ाने की मांग लॉकडाउन खत्म होते ही शुरू हो जाएगी। ऐसे में साल के अंत तक नए पुल और आरओबी के निर्माण का सपना अब पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। वही एनपीआर और मेट्रो फेज 3 कॉरिडोर की फंडिंग शासन में अब अटक गई हैl मेट्रो फेज-तीन की फंडिंग में हो सकती है देरी जीडीए के मेट्रो फेज-तीन में वैशाली से मोहननगर कॉरिडोर और फेज-चार में नोएडा से साहिबाबाद कॉरिडोर पर भी कोरोना का असर पड़ा है। दोनों कॉरिडोर के फंडिंग पैटर्न पर शासन स्तर से मार्च माह में निर्णय लिया जाना था। लेकिन कोरोना के चलते दो बार फंडिंग पैटर्न की होने वाली बैठक निरस्त हो गई। दोनों प्रोजेक्ट में केंद्रीय राज्यमंत्री व सांसद वीके सिंह खुद शासन स्तर पर पैरवी कर रहे थे। बता दें कि वसुंधरा से मोहननगर कॉरिडोर की कुल लागत 1808.22 करोड़ है। नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो कॉरिडोर की कुल लागत 1517 करोड़ है। मधुबन बापूधाम आरओबी अब 2021 में हो पाएगा पूरा जीडीए ने मधुबन बापूधाम आरओबी के निर्माण की दिसंबर तक समयसीमा निर्धारित की थी। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जीडीए ने सरकारी एजेंसी सेतु निगम को 30 लाख जारी भी कर दिए। लेकिन लॉकडाउन के कारण काम शुरू होने से पहले ही बंद हो गया। एनएच-9 को सीधे दिल्ली-मेरठ रोड से जोड़ने और मधुबन बापूधाम योजना को संजीवनी देने वाले इस प्रोजेक्ट की देरी का नुकसान जीडीए को होगा। हिंडन पर नए पुल का लंबा खिंचेगा काम, झेलना होगा जाम हिंडन नदी पर पुराने ऐतिहासिक पुल की जगह नए पुल का निर्माण कार्य अब साल के अंत तक पूरा होना संभव नहीं है। कोरोना वायरस के कारण निर्माण की साइट से अधिकांश लेबर पलायन कर चुकी है। सेतु निगम के अधिकारियों के मुताबिक लॉकडाउन हटने के बाद ही काम को सामान्य रूप से शुरू होने में 15 से एक माह का समय लग सकता है। ऐसे में जीटी रोड पर रोजाना गुजरने वाले वाहनों को करीब एक साल जाम से दो चार होना पड़ेगा। एनपीआर में शासन की फंडिंग होगी और लेट एनएच-9 को पहले दिल्ली-मेरठ हाईवे और फिर लोनी तक जोड़ने वाली नॉदर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) प्रोजेक्ट की शासन से फंडिंग खटाई में पड़ गई है। 466.46 करोड़ के प्रोजेक्ट की जीडीए शासन में पैरवी कर रहा था। लेकिन कोरोना के चलते अब शासन स्तर से फंडिंग को हरी झंडी मिलने में लंबा वक्त लग सकता है। करेगा। एनएच-9 से दिल्ली-मेरठ रोड तक 6.40 किमी एनपीआर के निर्माण पर 223.92 करोड़ खर्च होना है।
यातायात से जुड़े प्रोजेक्ट की फंडिंग लटकी, छह माह बढ़ेगी समय सीमा